
भारत के मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर भी सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसले में कहा कि मुख्य न्यायाधीश (सीजीआई) का दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है, इसलिए यह आरटीआई के दायरे में आएगा।
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीजेआई दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है इसलिए यह आरटीआई के दायरे में आएगा। पीठ ने कहा कि सीजीआई दफ्तर सार्वजनिक कार्यालय है।
पीठ में सीजेआई समेत जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना उस याचिका पर अपना फैसला सुनाया जिसमें सुप्रीम कोर्ट के महासचिव ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 में आए फैसले को चुनौती दी थी।